आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और पंजाब किंग्स के बीच 3 जून को अहमदाबाद में खेला गया, जिसमें रजत पाटीदार की कप्तानी में RCB ने पंजाब किंग्स को मात्र छह रन से हराकर पहली बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया। यह जीत आरसीबी के लिए ऐतिहासिक रही, लेकिन इस जश्न के बीच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए एक दुखद हादसे ने खुशी के माहौल को मातम में बदल दिया।
चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़
आरसीबी की जीत के बाद कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने 5 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक सम्मान समारोह आयोजित किया था। हालांकि सुरक्षा कारणों से इस समारोह के दौरान एक नियोजित परेड को रद्द कर दिया गया था, फिर भी हजारों क्रिकेट प्रेमी विराट कोहली, रजत पाटीदार और अन्य खिलाड़ियों को देखने के लिए स्टेडियम के बाहर एकत्र हो गए। अनुमानित 2 से 3 लाख की भीड़ इतनी भारी थी कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई।
इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गेट नंबर 3 के पास लाठीचार्ज किया। भीड़ में अफरातफरी मच गई और अचानक भगदड़ शुरू हो गई, जिसमें 11 लोग अपनी जान गंवा बैठे और 33 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। भगदड़ की वजह से हुई इस मानव त्रासदी ने पूरे शहर को शोक में डुबो दिया।
पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने प्रशासन और बीसीसीआई पर साधा निशाना
इस दर्दनाक घटना पर भारत के पूर्व क्रिकेटर और 1983 विश्व कप विजेता मदन लाल ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने ‘आईएएनएस’ से बातचीत में कहा, “जब लोग बाहर अपनी जान गंवा रहे थे, तब अंदर लोग जश्न मना रहे थे। यह बहुत ही चौंकाने वाला और निराशाजनक है। मृतकों के परिवारों को आरसीबी और राज्य सरकार पर 100 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगने का मुकदमा करना चाहिए। बीसीसीआई भी इस घटना की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता।”
मदन लाल ने यह भी कहा कि लोग इस दुर्घटना और विराट कोहली के नाम को कभी नहीं भूलेंगे, लेकिन प्रशासन और आयोजकों की लापरवाही के कारण हुई इस जानलेवा भगदड़ को भी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी मांग है कि संबंधित अधिकारियों को इस घटना के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिवारों को दिया मुआवजा
इस दुखद घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा, “यह एक बड़ी त्रासदी है, जिसमें ग्यारह लोगों ने अपनी जान गंवाई है और कई गंभीर रूप से घायल हैं। हम इस घटना के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हैं। मृतकों के परिवारों को सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी और राज्य सरकार सुरक्षा व्यवस्थाओं को और कड़ा करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी न दोहराई जाए।
भगदड़ की मुख्य वजहें
घटनाक्रम की जांच में पता चला है कि स्टेडियम के बाहर सुरक्षा प्रबंध बेहद कमजोर थे। इतने विशाल जनसैलाब को संभालने के लिए पर्याप्त पुलिस और आपातकालीन व्यवस्था नहीं थी। गेट नंबर 3 के बाहर भीड़ इतनी अधिक थी कि नियंत्रण खो दिया गया और पुलिस के लाठीचार्ज से अफरातफरी मच गई।
इस मामले में विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी कड़ी आलोचना की है और मुख्यमंत्री तथा उप मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहे हैं। भाजपा ने इसे राज्य सरकार की घोर लापरवाही बताया है और कहा कि जनता की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
बीसीसीआई की भूमिका पर सवाल
बीसीसीआई ने फिलहाल इस घटना पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन मदन लाल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों और कई क्रिकेट प्रेमियों का कहना है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी इस मामले में जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। आयोजन में सुरक्षा के मानकों को पूरा करना बीसीसीआई की भी जिम्मेदारी है।
आखिरी शब्द
आरसीबी की पहली आईपीएल जीत अपने आप में एक खुशियों भरा पल था, लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ ने उस खुशी को धूमिल कर दिया। यह हादसा प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों और आयोजनकर्ताओं की लापरवाही का सबक है। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि मामले की गहराई से जांच हो और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।